हैदराबाद |
नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि नए दायित्व (उप राष्ट्रपति) में मुझे राजनीति पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। मुझे बोलने (राजनीति) का हक नहीं है और मैं बोलने भी नहीं जा रहा लेकिन इसका यह मतलब हरगिज नहीं है कि किसी को लोगों के जीवन से जुड़े और जनता के हितों से जुड़े मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए। नायडू ने कहा कि राज्यसभा का सभापति होने के नाते वह यह प्रयास करेंगे की सदन में रचनात्मक चर्चाएं होती रहें। उन्होंने कहा कि वह यह प्रयास करेंगे कि विपक्ष सहित सभी सदस्यों को बोलने का मौका मिले।
मेरी सफलता में पत्रकारों की रही अहम भूमिका: नायडू
उन्होंने कहा कि मैं अध्ययन कर रहा हूं कि राधाकृष्णन ने किस प्रकार से कार्य किया, हिदायतुल्ला ने कैसे काम किया, जाकिर हुसैन ने क्या किया। देश के कुछ खास वर्गों में निर्धनता, अशिक्षा, आर्थिक असमानता और भेदभाव पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि देश का एजेंडा विकास होना चाहिए। उन्होंने हैदराबाद के साथ अपने 4 दशक लंबे जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि वर्ष 1980 की शुरुआत में जब वह विधानसभा सदस्य थे तो वह अविभाजित आंध्रप्रदेश की विधानसभा लाइब्रेरी में घंटों बैठा करते थे। नायडू ने हैदराबाद के पत्रकारों के साथ निकट संबध की बात स्वीकार की और कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनकी सफलता में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है।