इंदौर।
राजवाड़ा और गोपाल मंदिर के जीर्णोद्धार की शुरुआत सोमवार से होगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर दोनों कार्यों की आधारशिला रखेंगे। राजवाड़ा के पुनरुद्धार पर 17.22 करोड़ और गोपाल मंदिर पर 14.03 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह पहला मौका है जब पूरे राजवाड़ा परिसर को एकसाथ सहेजा जाएगा। नगर निगम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दोनों काम करेगा। उसने डेढ़ से दो साल में काम पूरा करने का दावा किया है।
सुबह 10 बजे मंत्री नेहरू पार्क में दोनों कार्यों के लिए भूमिपूजन करेंगे। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लि. ने विकास योजना तैयार कर विशेषज्ञ एजेंसियां चुन ली हैं। होलकर शासन काल के दौरान सन 1766 में राजवाड़ा का निर्माण किया गया था। इसके मुख्य दरवाजे वाले हिस्से में सात मंजिलें हैं। पहली तीन मंजिलें स्टोन मैसनरी (चिनाई) और बाकी चार लकड़ी से निर्मित हैं। इसका निर्माण मराठा और मुगल वास्तुकला के अनुसार किया गया है।
कई बार टूटा, फिर खड़ा हुआ
राजवाड़ा का दक्षिणी भाग क्षतिग्रस्त होने के बाद 1811 और 1833 में फिर बनाया गया। 1995 में पश्चिमी दीवार, मुख्य द्वार और बगीचे का जीर्णोद्धार किया गया। 2003 में जिला कलेक्टर ने गणेश हॉल और 2007 में होलकर राजघराने की उषादेवी होलकर ने परिसर स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। 2016 में राजवाड़ा के उत्तर-पूर्वी भाग का एक हिस्सा गिर पड़ा था।