इंदौर।
अंगदान के क्षेत्र में इंदौर में एक बार फिर इतिहास रचा गया। मध्यप्रदेश में पहली बार इंदौर में एक दिन में दो ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान किए गए। एक ग्रीन कॉरिडोर सुबह जबकि दूसरा रात में बना। दो मरीजों के अंगों से इंदौर में छ: मरीजों को जीवनदान मिला। दोनों ही दानदाताओं का दिल तकनीकी कारणों से काम नहीं आ सका जबकि लिवर और किडनी चोइथराम, सीएचएल व बांबे अस्पताल के मरीजों को ट्रांसप्लांट हुई। इसी के साथ इंदौर में 17 महीने में 20 अंगदान हुए ।
बुधवार सुबह 23 साल के भागीरथपुरा निवासी संजय कुकडेश्वर के अंगदान किए गए। संजय को बिजली के खंभे से गिरने से के बाद सीएचएल अस्पताल में भर्ती किया था। मंगलवार को अस्पताल में संजय को ब्रेनडेड घोषित किया गया। सुबह साढ़े 9 बजे ग्रीन कॉरिडोर के जरिये लिवर चोइथराम अस्पताल जबकि एक किडनी सीएचएल व दूसरी ग्रेटर कैलाश अस्पताल में मरीज को ट्रांसप्लांट की गई।
संजय का दिल तकनीकी कारणों से काम नहीं आ सका। जबकि खंडवा निवासी 68 वर्षीय तारादेवी नामनानी को बुधवार शाम 6 बजे ब्रेन डेड घोषित किया गया। तारादेवी को ब्रेन हेमरेज के चलते सीएचएल में भर्ती किया था। बुधवार को रात 11.30 बजे ग्रीनकॉरिडोर बनाया गया। तारादेवी की परिवार में दो बेटियां है। इनका लिवर व एक किडनी चोइथराम अस्पताल जबकि दूसरी किडनी बांबे अस्पताल में ट्रांसप्लाट की गई।