श्रीनगर |
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को विदेशों से मिल रही फंडिंग की एनएआई से जांच कराने के केंद्र सरकार के ऐलान से जम्मू-कश्मीर का यह अलगाववादी संगठन आग बबूला हो गया। दरअसल, सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले धड़े के सदस्य नयीम खान ने खुलासा किया कि गिलानी समेत अन्य अलगाववादियों ने कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से पैसे लिए। नयीम ने इसी सप्ताह इंडिया टुडे के रिपोर्टरों के स्टिंग ऑपरेशन में यह तथाकथित खुलासा किया। इस खुलासे के बाद एनआईए ऐक्टिव हो गई है।
हुर्रियत (गिलानी धड़े) के प्रवक्ता अयाज अकबर ने लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की बात खारिज कर दी। उन्होंने कहा, ‘एजेंसी (एनाआईए) पहले भी मोहम्मद अशरफ शेहराय और सैयद अली शाह गिलानी के दामाद समेत पार्टी पदाधिकारियों को प्रताड़ित कर उनसे पूछताछ कर चुकी है, लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा। हम पर दबाव बनाने के लिए जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं क्योंकि कश्मीर में जारी संघर्षों पर काबू पाने में अथॉरिटीज कामयाब नहीं हो पा रही हैं।’
इधर, एक अन्य अलगाववादी संगठन जेकेएलएफ के चीफ यासीन मलिक ने कहा, ‘वो (एजेंसियां) यह साबित करने की कोशिश में जुटी हैं कि हम पाकिस्तान से फंडिंग लेते हैं।’ मलिक ने पिछले साल हुर्रियत जॉइन कर ली। उन्होंने कहा कि वो (एजेंसियां) कई बार ऐसा करने का प्रयास कर चुकी हैं, लेकिन मुझे (मलिक को) राजनीतिक तौर पर भ्रष्ट साबित करने में नाकामयाब रहे हैं।