इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक जुलाई से शुरू होने वाले वित्तवर्ष 2017-18 दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) तथा इसकी परियोजनाओं के लिए 180 अरब रुपये (1.71 अरब डॉलर) का आवंटन किया है. देश के वित्तमंत्री इशाक डार ने संसद में सीपीईसी की विभिन्न परियोजनाओं का जिक्र किया. मंत्री ने शुक्रवार (26 मई) को 4,757 अरब रुपये का बजट पेश किया था. उन्होंने नेशनल असेम्बली से कहा कि बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर का विकास चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के विकास की नींव है.
मंत्री ने कहा, “सड़क संपर्क नेटवर्क, हवाईअड्डे के विस्तार व आधुनिकीकरण तथा इलाके के विकास के लिए एक व्यापक योजना का क्रियान्वयन किया गया है. साल 2017-18 के बजट में ग्वादर के विकास की 31 परियोजनाओं के लिए बजट आंवटित किया गया है, जिनमें ग्वादर मास्टर प्लान का क्रियान्वन, 200 बिस्तरों का एक अस्पताल, 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन तथा अलवणीकर संयंत्र का निर्माण शामिल है.” उन्होंने कहा कि जुलाई से अप्रैल की अवधि के दौरान, आयात 37.8 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है.
अगले वित्तवर्ष में पाकिस्तान का रक्षा खर्च चालू वित्तवर्ष के मुकाबले लगभग सात फीसदी अधिक होगा. वर्तमान में यह 920.2 अरब रुपये है. मंत्री ने कहा कि व्यापार घाटे के अनुमान से अधिक होने के बावजूद पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार वर्तमान में 16 अरब रुपये है.
LoC पर भारत से तनाव के बीच पाकिस्तना ने रक्षा बजट में की सात फ़ीसद की बढ़ोतरी
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने रक्षा बजट में करीब सात प्रतिशत की वृद्धि कर उसे 920 अरब रुपये करने का प्रस्ताव रखा. वित्त मंत्री इशहाक डार ने नेशनल असेंबली में वित्त वर्ष 2017-18 का संघीय बजट पेश करते हुए कहा, ‘हमने रक्षा बजट (860 अरब रुपये से) बढ़ाकर 920 अरब रुपये से कर दिया.’ उन्होंने तीन साल पहले शुरू किए ‘जर्ब ए अज्ब’ अभियान के दौरान आतंकियों को परास्त करने में योगदान देने के लिए सशस्त्र बलों के लिए ‘विशेष भत्ते’ में दस प्रतिशत की वृद्धि करने की भी घोषणा की.
पाकिस्तान के रक्षा बजट और सशस्त्र बलों के लिए भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव कई मुद्दों को लेकर भारत के साथ बढ़े तनाव के बीच आया है जिनमें पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव, कश्मीर की स्थिति, पाकिस्तान से आतंकियों के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर हमलों को अंजाम देना, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने वाला चीन समर्थित आर्थिक गलियारा शामिल हैं.