इंदौर।
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बीमारियों का असर इंदौर में ही है। शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर में एक मरीज है। कारण, शहर और प्रदेश में पहली बार एक साथ पांच तरह के वायरस ने हमला कर दिया है। इससे महामारी जैसे हालात हैं।
इंदौर में ही इतने भयावह स्थिति क्यों है? इसके जवाब में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है इन दिनों असामान्य तापमान से शहर की हवा में अलग-अलग तरह के वायरस फैले हुए हैं। पहले एंफ्लूएंजा वायरस आया, फिर स्वाइन फ्लू ने हमला किया। इनके लौटने के पहले ही
चिकनगुनिया ने दस्तक दे दी, जिसमें लोग असहनीय जोड़ों का दर्द, तेज बुखार और थकान से पीड़ित हैं। ये गंभीर वायरस खत्म भी नहीं हुए कि आंखों पर आक्रमण करने वाला संक्रमण शहर में आ गया। डॉक्टर भी इन दिनों मरीजों की भीड़ देखकर हैरान हैं। 2012 में चार तरह के वायरस थे, लेकिन इस साल स्वाइन फ्लू ने भी शहर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
इंदौर शहर या आसपास के गांवों में लगभग हर परिवार में कोई न कोई सदस्य बीमार है। इसकी वजह है वायरस को शहर का तापमान और वातावरण रास आ गया है। अब तो शहर में गंदगी भी कम हो गई और सरकारी अमला जगह-जगह मच्छर मारने की दवा भी छिड़क रहा है।
इसके बावजूद डॉक्टरों के यहां वायरस से संक्रमित मरीजों की भीड़ है। घर में एक व्यक्ति के चपेट में आते ही पूरा परिवार बीमार हो रहा है। उधर, शहर से सटे उज्जैन सहित जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, रीवा सहित अन्य शहरों में वायरस का इतना प्रकोप नहीं है। डॉक्टर भी इसे मान रहे हैं।