लखनऊ |
बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित नेता नसीमुददीन सिद्दीकी को ‘टेपिंग ब्लैकमेलर’ बताते हुये पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता अभियान मंे जमा हुआ करीब पचास फीसदी धन पार्टी कोष में जमा नहीं किया इसलिये उन्हें पार्टी से निकाला गया।
मायावती ने नसीमुद्दीन को एक आधारहीन नेता बताते हुये कहा कि वह एेसे ही फोन टैप कर पार्टी के कार्यकर्ताआें और नेताआें से पैसे वसूल करते थे। वह पार्टी में अच्छे और काबिल मुसलमान नेताआें को आने ही नहीं देना चाहते थे। मायावती ने पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को ईमानदार और स्वच्छ छवि वाला नेता बताया।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा प्रेस वार्ता में मायावती पर लगाये गये आरोपों के बाद शाम को बसपा सुप्रीमो ने मीडिया को बुलाया। उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिये एक बार फिर ईवीएम को जिम्मेदार ठहराते हुये उन्होंने कहा, ‘‘नसीमुद्दीन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटों पर मुसलमानों को पार्टी से जोडऩे की जिम्मेदारी काफी समय पहले दी गयी थी। जब नोटबंदी हुई तो चुनाव लडऩे के लिये अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोडऩे और उनसे सदस्यता शुल्क लेने का काम सभी पार्टी नेताआें को दिया गया था क्योंकि बसपा सदस्यों के चंदे के सहारे ही चुनाव लड़ती है। वह किसी भी उद्योगपति या धन्नासेठों से पैसा नहीं लेती है।’’