मास्को।
उम्दा सैन्य तकनीक हासिल करने के लिहाज से भारत ने अहम कदम उठाया है। लीक से हटते हुए मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र की रूसी कंपनियों को भारत में साझा उपक्रम लगाने का न्योता दिया है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इस आशय की पेशकश की। सरकार की इस नई पहल का मकसद रक्षा उत्पादन को गति देने के साथ ही तकनीक ट्रांसफर के जरिये उन्नत सैन्य प्लेटफार्म विकसित करना है।
तकनीक विकास क्षेत्र के प्रतिष्ठित फोरम ‘टेक्नोप्रोम 2017’ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने रूसी कंपनियों को भारतीय फर्मो के साथ मिलकर साझा उपक्रम स्थापित करने का न्योता दिया। बकौल जेटली, ‘रूसी रक्षा कंपनियों को भारत में काम करने का लंबा अनुभव है। वे भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर साझा उपक्रम लगाने को लेकर रक्षा क्षेत्र में प्रभावी नीतिगत बदलाव का लाभ उठा सकती हैं।’
उनका कहना था, ‘मैं रूसी कंपनियों को न्योता देता हूं कि वे भारतीय फर्मों को तकनीक ट्रांसफर करने का प्रस्ताव लेकर आगे आएं। अधिक उन्नत उपकरणों और कल-पुर्जों का निर्माण करें।’
रक्षा मंत्री बुधवार से शुरू तीन दिवसीय रूस दौरे पर हैं। वह बोले, ‘रूसी कंपनियां भारतीय फर्मों की स्वाभाविक सहयोगी हो सकती हैं क्योंकि ज्यादातर भारतीय रक्षा उपकरणों के निर्माण और अनुसंधान में रूस हमारा मददगार रहा है।’
ध्यान रहे कि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने पिछले महीने रणनीतिक साझेदारी मॉडल विकसित करने का फैसला लिया। इसके तहत निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को विदेशी फर्मों के साथ मिलकर लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और टैंक निर्माण जैसे अहम सैन्य प्लेटफार्म विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।