श्रीनगर |
रविवार को सेना और पुलिस ने हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर यासीन उर्फ महमूद गजनवी को मार दिया। यासीन के साथ दो और आतंकी मार गिराए गए। बुरहान और जाकिर मूसा के बाद यासीन घाटी में हिज्बुल की आतंकी कार्रवाइयों को नेतृत्व कर रहा था। आतंकी जाकिर मूसा के अलकायदा में शामिल हो जाने के बाद हिज्बुल मुखिया सलाउद्दीन ने उसकी जगह यासीन को कमांडर बनाया था।
यासीन 1997 में आतंकी बना था और उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ट्रेनिंग ली थी। मानवाधिकार कार्यकर्ता की हत्या में आजीवन कारावास झेल रहे आतंकी फख्तू ने जेल से बयान जारी कर यासीन के एनकाउंटर को ‘आंदोलन’ के लिए बड़ा झटका बताया है। हालांकि मूसा के मारे जाने के बाद थोड़े समय के लिए सबजार बट्ट ने हिज्बुल का नेतृत्व किया था। सबजार के मारे जाने के बाद यासीन ही घाटी में हिज्बुल कमांडर बन बैठा था।
बडगाम के चादोरा के रहने वाला यासीन काफी दिनों से सुरक्षाबलों के लिए खतरा बना हुआ था। यासीन के साथ मारे गए दो अन्य आतंकियों की पहचान कुलगाम के उमर मजीद मीर और जैनपोरा के इरफान-उल-हक के रूप में हुई है। ये दोनों आतंकी भी सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों के गुनहगार थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 5 जवान घायल हुए थे। बाद में मिलिटरी अस्पताल में इलाज के दौरान दो जवानों की मौत हो गई।


