भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कैबिनेट विस्तार के संकेत देने के साथ ही प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। चुनावी जमावट के नाम पर लगभग आधा दर्जन कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों के सिर पर तलवार लटकी हुई है। मंगलवार को कैबिनेट में सीएम के संकेत भी साफ इशारा कर रहे हैं कि इस बार मोदी कैबिनेट की तरह मप्र से भी कई मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है। विस्तार से पहले सीएम मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा भी करेंगे। इसके लिए अफसर मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करवा रहे हैं। इसे भाजपा कोरग्रुप की बैठक में भी रखा जाएगा।
कई मंत्री निशाने पर
कैबिनेट में शामिल आधा दर्जन मंत्री परफॉर्मेंस, विवाद अथवा बिगड़े स्वास्थ्य के कारण मंत्रिमंडल से बाहर किए जा सकते हैं। पिछली बार भी मुख्यमंत्री चौहान ने फॉर्मूला-75 लागू कर बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस बार चूंकि 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए कैबिनेट की फाइनल टीम का गठन किया जाना है, इसलिए परफॉर्मेंस, जातिगत समीकरण, भौगोलिक समीकरण के अलावा कांग्रेस के कब्जे वाले इलाके में प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर ज्यादा फोकस होगा।


