कोलकाता |
गोल्ड की बिक्री इस साल नवरात्रि और दशहरा पर 50 पर्सेंट कम रही। सरकार ने 50,000 रुपये और इससे अधिक का सोना खरीदने पर केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। इसलिए इस साल दशहरा के मौके पर मोटी खरीदारी करने वाले लोग बाजार से दूर रहे। बैंकरों और जूलर्स ने बताया कि ग्राहक कंप्लायंस की वजह से दूसरी चीजें खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे फेस्टिव सीजन की शुरुआत में गोल्ड के कारोबार पर असर पड़ा है, जबकि आमतौर पर इस दौरान इसकी बिक्री काफी अधिक रहती थी।
कार, टीवी और फ्रिज की बिक्री इस साल नवरात्र और दशहरा पर पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 15 पर्सेंट अधिक रही। इससे दिवाली में ऐसे अप्लायंसेज की बिक्री बढ़ने का संकेत मिल रहा है। हालांकि, गोल्ड मार्केट का सेंटीमेंट खराब है। ट्रेडर्स ने बताया कि फेस्टिव सीजन की शुरुआत में गोल्ड की कम डिमांड रही है। वहीं, स्मगलिंग बढ़ने से गोल्ड 8-10 डॉलर प्रति औंस के डिस्काउंट पर मिल रहा है, जबकि पिछले साल फेस्टिव सीजन की शुरुआत में गोल्ड के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ी थी। गोल्ड पर 10 पर्सेंट की ऊंची इंपोर्ट ड्यूटी और 3 पर्सेंट जीएसटी लगता है। ट्रेडर्स ने बताया कि इस वजह से इसकी स्मगलिंग बढ़ रही है।