*मिशन शक्ति’ से चौंधियाए चीन के खुफिया सैटेलाइट, शी जिनपिंग ने बुलाई आपात बैठक*
*नई दिल्ली* एंटी सेटेलाइट मिसाइल के एक परीक्षण ने दुनिया का सामरिक शक्ति संतुलन न केवल भारत की ओर मोड़ दिया है, बल्कि पाकिस्तान और उसके नये आका चीन को उसकी औकात भी बता दी है। पाकिस्तान डर से कांप रहा है और चीन खिसिया रहा है। चीन की चिंता है कि भारत ने इतने बड़े अभियान को गुपचुप सफलता पूर्वक कैसे अंजाम दे दिया। चीन को चिंता यह भी है कि कहीं भारत ने सैटेलाइट को अंधा कर देने वाली उसकी टेक्नीक को भी तो हासिल नहीं कर लिया। क्योंकि चीन के खुफिया सैटेलाइट इसरो और डीआरडीओ की खुफियागिरी में लगातार लगे रहते हैं। इसके बावजूद चीन को भारत के ‘मिशन शक्ति’ की भनक तक नहीं लगी। चीन को डर है कि युद्ध की स्थिति में भारत उसको गंभीर संकट में डाल सकता है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत की इस सामरिक उपलब्धि के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने रक्षा अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बैठक बुलाई और संभवतः अपने खुफिया सैटेलाइट्स की विफलता पर रोष व्यक्त किया इंस्टिट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज ऐंड अनैलेसिस के सीनियर फैलो अजय लेले का कहना है, इस परीक्षण से ‘संदेश काफी साफ है कि अगर हमारी किसी भी सैटलाइट को नुकसान हुआ तो अब हमारे पास भी आपकी सैटलाइट को गिराने की क्षमता है।’
एयर फोर्स के पूर्व ऑफिसर और अन्य कई जानकारों का कहना है कि भारत कई वर्षों से इसके परीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन राजनीतिक अनुमति न मिलने की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा था। उनका कहना है कि डीआरडीओ को 2 साल पहले ही इसके लिए आगे बढ़ने की हरी झंडी मिली, और बुधवार को इसे अंतिम रूप दे दिया गया। यूनाइटेड नेशन इंस्टिट्यूट फॉर डिसआर्ममेंट रिसर्च के स्पेस सिक्यॉरिटी फैलो डेनियल पोरास ने कहा कि बुधवार का टेस्ट में 300 किमी की ऊंचाई पर एक सैटलाइट को मार गिराया गया है। उन्होंने कहा, ‘यह एलईओ (लॉ अर्थ ऑर्बिट) के लिए अच्छा संकेत नहीं है, इस ऑर्बिट में टेलेकॉम्युनिकेशन और पृथ्वी की निगरानी करने वाली सैटलाइट हैं। इसके अलावा इस ऑर्बिट में ही इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन भी है।’ पोरास ने कहा, ‘यह टेस्ट 300 किमी की ऊंचाई पर किया गया है, जो काफी नीचे है, इसका मतलब है कि मलबा कुछ हफ्तों में धरती पर आ जाएगा।