दार्जिलिंग।
ममता सरकार पर पहाड़ के शिक्षा संस्थानों में बांग्ला भाषा को जबरन अनिवार्य करने का आरोप लगाकर पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के नेता-समर्थकों ने गुरुवार को ऐसे समय उग्र रूप धारण कर लिया, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने मंत्रियों के पूरे कुनबे के साथ दार्जिलिंग में मौजूद थीं।
इस हिंसक आंदोलन में प्रदर्शनकारियों ने 12 सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिनमें पांच पुलिस जीप शामिल थीं। कई सरकारी बसों में भी तोड़फोड़ की गई। इसके बाद उन्होंने पुलिस पर जमकर पथराव किया, जिनमें उत्तर बंगाल के डीआईजी समेत 50 पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। उग्र प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हालांकि उससे स्थिति नियंत्रण में नहीं आई।
हालात बिगड़ते देख सेना की मदद लेनी पड़ी। हिंसक वारदातों में मोर्चा के कई समर्थकों को भी चोट आई है। सेना ने पहाड़ में मोर्चा संभाल लिया है। पहाड़ में हिंसक वारदातों के कारण होटल, दुकान-बाजार, वाहनों का आवागमन बंद हो गया, जिससे करीब 10,000 पर्यटक वहां फंस गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ में फंसे सभी पर्यटकों को सुरक्षित समतल पर लाने का भरोसा दिया।