सिद्धार्थनगर |
तहसील अन्तर्गत गंवई चौराहे भी अतिक्रमण के शिकंजे में फंसे हुए हैं। सड़क पर पार्किंग ऐसी, छोटे-छोटे वाहन क्या बड़ी-बड़ी गाड़ियां पटरी पर इस तरह खड़ी रहती हैं, कि सड़क का आधा हिस्सा गायब हो जाता है। मन्नीजोत चौराहे की स्थिति अतिक्रमण के चलते बहुत ही विकट बनी हुई है। फुटपाथ पर ही दुकानें सजी रहती है, तो सड़क अवैध पार्किंग के रूप में इस्तेमाल हो रही है। ऐसे में राहगीर जान जोखिम में डालकर सड़क के बीचोबीच चलने को मजबूर हैं। सबकुछ जानकार भी प्रशासनिक अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं।
शाहपुर ¨सगार मार्ग का मन्नीजोत चौराहा भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। परंतु वर्तमान में ये पूरी तरह अवैध कब्जे की चपेट में है। पटरी पर दुकानें लगी रहती हैं, तो दिन में भी बड़ा वाहन कब आकर रूक जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। लोड भरी गाड़ियों आती हैं और सड़क पर खड़ी करके सामान उतारने लगती हैं, घंटों का समय लग जाता है, आवागमन दुरुह बन जाता है, मगर इनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। यहीं नहीं फुटपाथ अवैध पार्किंग के रूप में इस तरह इस्तेमाल होता है, कि पैदल चलने मुश्किल हो जाता है। दर्जनों मोटर साइकिल गाड़ियां पटरी पर ही खड़ी कर दी जाती हैं। दुकानदार पटरी पर ही पक्की दुकानें बना ली हैं, इसके बाद सामानों को सड़क के किनारे तक सजा कर रखते हैं। सायं के समय हालत ऐसी होती जाती है कि आम जन को पैदल चलना दुश्वार हो जाता है।
नागरिकों की मांग, चले अतिक्रमण अभियान
अतिक्रमण को लेकर आम नागरिक मुखर हैं। प्रेम प्रकाश ने बताया कि फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण पैदल चलना टेढ़ी खीर साबित होता है। शाम के समय स्थिति बद से बदतर हो जाती है। बावजूद इसके किसी जिम्मेदार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। सुनील कुमार का कहना है कि सड़क के फुटपाथ की महत्ता सभी जानते हैं, लेकिन खुद के स्वार्थ कारण सभी इस दिशा में लापरवाह बने रहते हैं। बृजभान व कमलेश पाण्डेय ने कहा कि यदि प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ जोरदार तरीके से अभियान शुरू कर दे, तो अवैध कब्जे से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।