नई दिल्ली |
देशभर में किसानों का मुद्दा अभी गर्म है। इसमें कोई शक नहीं है कि अधिकांश किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। कुछ किसान तो वाकई में बेहद परेशान हैं। हालांकि, बैंककर्मियों की मानें तो बड़ी संख्या में ऐसे किसान भी हैं, जो कर्जमाफी की उम्मीद में लोन का पैसा जानबूझकर नहीं चुका रहे हैं। इससे बैंकों के ऊपर दबाव बढ़ रहा है क्योंकि वे पहले से ही डूबे हुए कॉर्पोरेट कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।
लोन न चुकाने का ट्रेंड बढ़ा
हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की कई बैंकरों से बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि किसानों में लोन नहीं चुकाने का ट्रेंड बढ़ रहा है। बैंकरों ने सोमवार को वित्त मंत्रालय की ओर से बुलाई गई मीटिंग में भी इस मामले को उठाया। बैंकरों के मुताबिक, कुछ राज्यों में तो लोन नहीं चुकाने की दर हाल के महीनों में बढ़कर 50 फीसदी तक हो गई है। एक बड़े बैंक के प्रमुख ने बताया, ‘किसान अपने बैंक खातों को पूरी तरह खाली कर दे रहे हैं ताकि हम उनमें से लोन की रकम न काट लें।’ एक पब्लिक सेक्टर बैंक के प्रमुख ने बताया कि कुछ स्थानों पर तो किसान लोन न चुकाकर राहत मांगने आ जाते हैं।


