बेंगलुरु |
बेंगलुरु मेट्रो में हिंदी के खिलाफ चलाए गए अभियान ने तूल पकड़ लिया है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा है। हिंदी के बिना भारत में आगे बढ़ना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा हमारी पहचान है। अंग्रेजी सीखते-सीखते हम अंग्रेजी माइंड में भी आ गए हैं और यह देश के हित में नहीं है। बता दें कि बेंगलुरु मेट्रो में कन्नड़ के अलावा हिंदी और अंग्रेजी में भी अनाउंसमेंट होता है। ऐसे में कुछ लोगों का कहना है कि उन पर जबरन हिंदी थोपी जा रही है।
बता दें कि बेंगलुरु में एक ऑनलाइन कैंपेन-नम्मा मेट्रो हिंदी बेड़ा (हमारी मेट्रो में हिंदी नहीं चलेगी) के जोर पकड़ने के बाद कन्नड़ डिवेलपमेंट अथॉरिटी (केडीए)ने बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (बीएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को नोटिस भेजा है। केडीए ने बेंगलुरु मेट्रो में हिंदी में साइनबोर्ड लगवाने और हिंदी में अनाउंसमेंट करने पर स्पष्टीकरण मांगा है। कन्नड़ समर्थक संगठनों ने स्थिति का फायदा उठाते हुए बीएमआरसीएल ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया और केवल कन्नड़ या अंग्रेजी भाषा में मेट्रो में साइनेज लगाने की मांग की। उनका कहना है कि जब राज्य के अधिकांश लोग लोग हिंदी बोलते या समझते नहीं तो मेट्रो में साइनेज हिंदी में क्यों है/ बेंगलुरु में शहर की मेट्रो सर्विस को नम्मा मेट्रो का नाम दिया गया है।